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भगवान ने जगत क्‍यों बनाया ?

भगवान ने जगत क्‍यों बनाया ? भगवान ने जगत क्‍यों बनाया ? ये संसार भगवान ने पुजवाने के लिये नहीं बनाया, जैसे नेता वोट बैंक के लिये अपने एरिया में घूमता है ऐसे भगवान सृष्‍टि करके अवतार लेकर वोट बैंक के लिये नहीं आते अथवा वोट बैंक के लिये भगवान ने ये सृष्‍टि नहीं बनाई । भगवान ने आपको गुलाम बनाने के लिये भी सृष्‍टि नहीं बनार्इ । भगवान ने आपको अपने अलौकिक आनंद, माधुर्य, ज्ञान और प्रेमाभक्‍ति के द्वारा अपने से मिलने के लिये सृष्‍टि बनाई । भगवान परम प्रेमास्‍पद है । बिछड़े हुए जीव अपने स्‍वरूप से मिले इसलिये सृष्‍टि है । वो सृष्‍टि में अनुकूलता देकर, योग्‍यता देकर आपको उदार बनाता है कि इस योग्‍यता का आप ‘‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’’ सदुपयोग करो और प्रतिकूलता, विघ्‍न-बाधा देकर आपको सावधान करता है कि संसार तुम्‍हारा घर नहीं है । ये एक पाठशाला है, यहां से आप यात्रा करके मुझ परमेश्‍वर से मिलने आये हो । इसलिये दुख भी भेजता है । दुख सदा नहीं रहता और सुख भी सदा नहीं रहता । धरती का कोई व्‍यक्‍ति सुख को टिकाये रखे, संभव ही नहीं । दुख को टिकाये रखो, संभव नहीं है क्‍योंकि उसकी व्‍यवस्‍था है । सुख भी आकर...